रंग से ना करो प्यार, वो इक दिन ढल जाएगा
इंसानियत को दो मान, वो ही तुम्हारे काम आएगा |
धर्म अधर्म से दूर होके, इंसानियत का दिया जलाओ यारो
बुरे समय में, इन्सान ही इन्सान के काम आएगा |
आग लगाना भी अच्छा है, अगर अहंकार को लगा सको
आंसू बहाना भी अच्छा है, अगर पश्चाताप के बहा सको |
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झूक जाना भी अच्छा है, अगर रिश्ता बचा सको
अपनों में अपनापन नापने से पहले, जरा खुद की भी जांच करो |
दुसरो से आस रखने से पहले, खुद की काबिलियत की तलाश करो
जरुर पढ़े ये कविता : कदम बढ़ाते मंजिल की ओर
आस आस ही रह जाएगी, इक दिन काश हो जाएगी
कल के इंतज़ार से पहले, आज की कीमत का ख्याल करो |
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